तुम उस तरह से बेवफा नही होना,
ये सिखाया है अपनी अच्छाईयों नें,
दर्द बन जाना,किसी को दवा नही होना,
दीवानगी आवारा है सड़को पे सुबह शाम,
ख़र्च हो जाना रोज़ ,जमा नही होना,
दोनों समझ गये रिश्तो की मजबूरी,
दूर से हस देना,तकरार की वज़ह नही होना,
तुम्हारी आँखों में अभी तलक देखता है,
जिस ख़्वाब का लिखा था पूरा नही होना,
सर्दियों के बाद धूप कब तेज़ हो जायेगी,
वक़्त का हुनर है किसी को पता नही होना,