आज की शाम जी भरके प्यार करने दो....
तुम ख़ामोश बैठें सिर्फ सुनते रहो,
इस एक पल में मुझे बातें हज़ार करने दो,
कोई ना रोके अब आवारा क़ाफ़िर क़दमो को,
जो ना हुआ कभी अबकी बार करने दो,
मालूम है वो न कभी लौट के आयेगा,
फिर भी तुम बस मुझे इंतज़ार करने दो,
ग़र मुसलसल यही हासिल हैं कोशिशों को,
रुको जरा अपनी ग़लतियो पर विचार करने दो....