Friday 17 January 2020

हमने तुमसे कोई शिकायत कहां की हैं ....







दर्द ने किस कदर इंतेहा की हैं,
हमने तुमसे कोई शिकायत कहां की हैं,

जिस तरह हमने हज़ार मिन्नते की
तुमने वैसे अभी इल्तेज़ा कहा की हैं
बैठ कर वही घण्टो खुदको ढूंढा हैं
तेरे बाद भी इश्क़ की हर रेशम अदा की हैं
जब भी एक कतरा नमी तेरी आंखों में देखी
हमने अपने दिल की हर आरज़ू दबा दी हैं
सारा इल्ज़ाम सारा कसूर अब तेरे सर हैं
मैंने तो अपने दिलकी तुझे बता दी हैं,
लाख रात भर रोकर भी समझ ना पाया हूँ,
प्यार करके हमने कौनसी खता की हैं,
बस एक ग़ज़ल दिल में छुपा के रखी हैं
जबके हमने तेरी हर बात भुला दी हैं