भूलने की कोशिश में,तुमसे मोहब्बत की है..
ख़ुदा जाने उसका सितम क्या होगा,
अभी तो उसने बस इनायत की है,
तुमने जो आँखे वीरान कर दी थी,
यादो के सहारे हमने बसावट की है,
तेरा गम अब मुझपे कोई बोझ नही,
इस दर्द की मैंने इबादत की है,
सारी दूरियां सारे शिकवे फ़िज़ूल लगते है,
जब भी तू फ़ोन पे जरा सी हँस दी है..