Sunday 20 May 2018

पगली लड़की हैं बारिशो मे भीग लौट आयेगी,

जो निकली हैं जुस्तजू किधर जाएगी
पगली लड़की हैं बारिशो मे भीग लौट आयेगी,


जो दुनिया हैं बाहर तुम्हारे ख्वाबो के इतर
हर मोड़ पर तुम्हे गिराएगी रुलायेगी,

चाँद आँखों से उतरकर यादोँ में गुम हो जायेगा
वक़्त के साथ शैतानियां सलीको में बंध जायेगी,

तकदीर छोड़ आया हूँ पीछे बस हुनर पर यकीन हैं,
इस दौर में कोई सबरी हमे क्यो बेर खिलाएगी,

एक वो भी मंजर आयेगा दौरान ए सफ़र ,
थकान खुद बगावत को  लिए उकसायेगी,

कितनी कमज़ोर निकली अमन चैन की बुनियादें,
हमे यकी नही था ये भीड़ उसे गिरा पाएगी,

बता तो दु तुमको किस्सा ए बर्बादी ए ज़फर
जो सुन सको तुम,जब आँख मेरी भर आएगी।

Saturday 12 May 2018

मेरे सीने में तेरी भी धड़कने पूरी हैं,

मेरे सीने में तेरी भी धड़कने पूरी हैं,
बेशुमार इश्क़ हैं जब तो ये दूरिया दस्तूरी हैं,
जो खुशबो तेरे सांसो में पलती हैं
मेरे भी आहो में महकती वही कस्तूरी हैं
जबसे तुमसे मिलकर जुदा हुआ हूं
बेजान सा हूं मैं तू भी तो अधूरी हैं
जबके हमारे दरमियां बस प्यार ही प्यार हैं
तो क्या हर बात पे लड़ना जरूरी हैं
सात फेरों की सात कसम खायी हैं
मैं तेरा ही माझी हूँ, तू मेरी जीवन की धुरी हैं..

Thursday 3 May 2018

आज फिर हमें तुम्हारे फ़ोन का इंतज़ार सा हैं.

घनघोर अंधेरे में रोशनी का दीदार  सा हैं
आज फिर हमें तुम्हारे फ़ोन का इंतज़ार सा हैं.

दो पल के रिश्ते में तुम सकुने उम्र दे गये
मेरे वजूद पर तेरी सोहबत का उधार सा हैं..

लाते ला ते तूफान हमे ये किधर  ले आया हैं
पास मेरे तुम दूर चल दिये जबके काफिला मझधार सा हैं

रोज़ी रोटी के फेरो ने हमदर्दी को मार दिया
पल दो पल का मिलना तो बस रिश्तो का व्यपार सा हैं..

माना मैंने की तुम काँटो पर चलते हो,
आकर देखो रस्ता मेरा भी तलवार की धार सा हैं...