Saturday 30 May 2020

तुम्हारे सितम से डर जाऊ तो बता देना,







तुम्हारे  सितम से डर जाऊ तो बता देना, 
जिंदा रहो तुम और मैं ही मर जाऊ तो बता देना

चुप हूँ मगर कभी फट भी सकता हूँ
तुम्हारे पाप का घड़ा हूँ भर जाऊ तो बता देना

लब हिले इबादत को और तेरा नाम आये,
इश्क़ में इस कदर निखर जाऊ तो बता देना,

मैं ईमानदारी और भाईचारे का बुखार हूँ
चंद शरीफ़ लोगो में और सर जाऊ तो बता देना,

इन प्रधानों से सांसदों तक जो बंदरबाट मची हैं,
सांसद निधि,राज्य वित्त का प्रसाद हूँ बट जाऊं तो बता देना,

मेरी क़लम पे मेरे उसूलो मेरी परवरिश की जर्द हैं,
आसानी से तुम्हारे रास्तों से हट जाऊ तो बता देना,

मैं तारीख़ में जिंदा रहूँगा सूली चढ़ाओ या ज़हर पिलाओ,
तुम मिटाओ जो मैं मिट जाऊ तो बता देना