Saturday, 25 September 2021

ज़िन्दगी तुझसे अब पहली वाली मुलाकात नही होती....






कुछ कभी अच्छा नही लगता,कुछ मेरे जैसी बात नही होती,

ज़िन्दगी तुझसे अब पहली वाली मुलाकात नही होती,


वक़्त के दरिया में तिनके सा बहा जाता हूँ,

कोई मौजे नही उठती कोई बरसात नही होती,


बेरंग बेनूर बड़ी बेशर्म सी दौड़ धूप में मसरुख होगया हूँ,

किसी के जाने से ज़िन्दगी अब उस तरह दुस्वार नही होती,


 दो पाटों की चक्की में पीस रहे है दिन रात मेरे,

कोई जीत से जीत नही होती,हार से भी अब हार नही होती..