मेरे हालात मुझपे दुशव़ार सही
तू मेरी जीत है चाहे इसमें मेरी हार सही..
अब यही मेरी जिंदगी का सच हैं मुक़द्दर है,
चाहे मेरे सर पे लटकती हुई तलवार सही..
तू मेरी जीत है चाहे इसमें मेरी हार सही..
अब यही मेरी जिंदगी का सच हैं मुक़द्दर है,
चाहे मेरे सर पे लटकती हुई तलवार सही..
हमतो उनको दुनिया बना के बैठे है,
वो चाहे हमे छोड़ने को तैयार सही...
बनके सिकंदर जज़बातो को फ़तेह किया,
तेरा सकुन तेरा चाँद उसके कदमो का मोहताज सही
मुझको आराम मिले तो यु ही सही
चंद साँसे तुझसे उधार सही..
एक रोज़ दोनो ने एक ठंडक साथ निगली थी,
आज हमारे मिलने में कितनी आग सही,
चंद साँसे तुझसे उधार सही..
एक रोज़ दोनो ने एक ठंडक साथ निगली थी,
आज हमारे मिलने में कितनी आग सही,
दो रूहें तो कबकी जफ़र एक हुई,
अपने बीच दुनिया की लाख दीवार सही....
अपने बीच दुनिया की लाख दीवार सही....
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