Thursday, 12 June 2014

जख्म जिगर के हरे रखना,

जख्म जिगर के हरे रखना,
दिल मे यादो के उजाले भरे रखना

तुम दोस्ती भी निभाओ जी भरके
मेरी जान यारो से भी कुछ फासले रखना
सच्चाई पे सितम तो ज़माने का दस्तूर है
हर जुल्म से बढकर तुम होसले रखना
जलने भी लगी है दुनिया अपने निबाह से
झुपाकर तुम अपने सारे फैसले रखना.......!!!

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