Wednesday, 10 October 2018

मुझसे हो नही पाया तुम कर नही सकते.....








जख्म ये उम्र भर तुम भर नही सकते
मुझसे हो नही पाया तुम कर नही सकते,


छोड़ कर हाथ,तुमने दरिया मोड़ तो दिया हैं
डूब तो सकते हो तुम इसमे तर नही सकते,

कुछ हौसला कुछ हिम्मते तुमभी दिखानी होगी,
हर बार तो श्रीकृष्ण अंगुली पे गोवर्धन धर नही सकते,

हुस्न जब बेवफा हो जाय तो मासूमियत खो ही देता हैं,
उस सादगी से तुम आँख में काजल कर नही सकते ,

हो जब दिल में दरिया तो आँख में छीटे आ ही जाने हैं,
कुदरत के उसूलो से इतना भी तुम लड़ नही सकते,

जैसे एक उम्र हमने साथमे एक ही दास्तान लिखी थी
इस तस्सवुर से किसी की मोहब्बत में तुम पड़ नही सकते,

जो कमसिन उम्र ने बड़ी नज़ाकत से फूल खिलाया था
फरिश्ते भी उसे अब लेकर वापस कर नही सकते,


सौ कोशिस करो हज़ार गले लगाओ लाख उम्मीद पालो,
मिल तो सकते हैं हम,जानेमन अब जुड़ नही सकते,

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