चाँद दिखाये मीरा तुम ज़हर पिलाना,
मेरी हसरतो को कुचलकर शहनाईयां बजाना..
मेरी हसरतो को कुचलकर शहनाईयां बजाना..
अपने अंजाम में कुछ रोमानियत तो हो,
हल्दी के हाथ से सज धज तुम मेरा गला दबाना,
हल्दी के हाथ से सज धज तुम मेरा गला दबाना,
तुम तब भी मजबूर थी,अब भी मजबूरिया रही होगी
मतलब निकल जाये तो तुम फ़ोन भी मत उठाना,
मतलब निकल जाये तो तुम फ़ोन भी मत उठाना,
मैं चुप चट्टान बनके समुन्दर के थपेड़े झेल लूंगा,
लोगो को जा जा के तुम अपने अश्क दिखाना,
लोगो को जा जा के तुम अपने अश्क दिखाना,
चाहे अपने रिश्ते में कितनी गाँठे बँधी रही,
बहुत ईमानदारी से मग़र बेवफ़ाई निभाना,
बहुत ईमानदारी से मग़र बेवफ़ाई निभाना,
रंग बदलकर क्या खूब जुबान बदली हैं,
क़यामत हैं उसका यूँ खुदको बेकसूर बताना,
क़यामत हैं उसका यूँ खुदको बेकसूर बताना,
आजकी शाम साक़ी ने कसम खिलाई हैं,
पीयू न पीयू मगरचे जरूरी हैं जाम में आंसू मिलना,
पीयू न पीयू मगरचे जरूरी हैं जाम में आंसू मिलना,
टूट भी जाऊ चाहे बर्बाद इस राश्ते पर होउ,
कुफ्र हैं जफ़र उसको कभी ग़लत बताना,
कुफ्र हैं जफ़र उसको कभी ग़लत बताना,
No comments:
Post a Comment