तड़फते हैं,भटकते हैं ,रोते हैं पीते हैं,
हम तो इसी तरह से जीते हैं...
हम तो इसी तरह से जीते हैं...
कोई बात तेरी सी कभी याद आती हैं
एक नमी सी आँखों में उतर जाती हैं
नीची नज़रो से हंस देते हैं
किसी तरह कलेजा ताक पर रख देते हैं
कभी कभी तेरी तश्वीर भी तक लेते हैं
खुद ही कुरेदते हैं जख्म,खुद ही सीते हैं
हम तो इसी तरह से जीते हैं...
एक नमी सी आँखों में उतर जाती हैं
नीची नज़रो से हंस देते हैं
किसी तरह कलेजा ताक पर रख देते हैं
कभी कभी तेरी तश्वीर भी तक लेते हैं
खुद ही कुरेदते हैं जख्म,खुद ही सीते हैं
हम तो इसी तरह से जीते हैं...
वही जहाँ हम तुम कभी आते जाते थे,
हमसे मिलने को तुम जब गिड़गिड़ाते थे
तुम्हारे आंसू हमारी खुशियो में जहाँ गिरे थे
पहली बार जिधर हम मिले थे,
उसी जगह कभी चले जाते हैं
अपना वक़्त हम इसी तरीखे बिताते हैं
हमसे मिलने को तुम जब गिड़गिड़ाते थे
तुम्हारे आंसू हमारी खुशियो में जहाँ गिरे थे
पहली बार जिधर हम मिले थे,
उसी जगह कभी चले जाते हैं
अपना वक़्त हम इसी तरीखे बिताते हैं
तुम्हारे सिवा यू तो अब कोई कमी नही
हारकर तुमसे अपना सबकुछ,
देखो कितनी लड़ाईयां जीते हैं
हम तो इसी तरह से जीते हैं.....