Monday 8 April 2019

रात अभी बाकी हैं,कोई सितारा टिमटिमाया हैं..

दर्द में डूब कर कुछ करार आया हैं,
जुबां पर सच पहली बार आया हैं...


मंज़िले अभी दूर हैं करवा बढ़ता रहे,
बिजलिया गिरी नही,बस अंधेरा सा छाया हैं,

हौसला न तोड़ना,हाथ अब ना छोड़ना,
रात अभी बाकी हैं,कोई सितारा टिमटिमाया हैं,

घर हमारे छीने हैं,सकुनो चैन तबाह किये,
इन हसरतो ने हमे कितनी आँख रुलाया हैं...

कौम कोई हो,हुकूमते कैसी रहे,
मज़दूर किसान बस, बोझ ढोता आया हैं,

तुम अग़र यकीं करो,चाँद तारे उतार दू,
हमने अपने हौसलों को कितना दबाया हैं..