Sunday, 29 March 2020

दिन जब दिहाड़ी हो,लॉकडाउन आनंद विहार हैं....







माना उदास शाम हैं मगर घबराओ नही,
फिर सूरज निकलेगा,अंधेरो को गले लगाओ नही,

ये बुजदिलो और अंधो की भीड़ हैं जो हावी हैं,
तुम्हें ही बोलेंगे,इनको आईना दिखाओ नही,

दिन जब दिहाड़ी हो,लॉकडाउन आनंद विहार हैं
टीवी में बैठकर हालात का अंदाज़ा लगाओ नही,

शहर की समझदारी,मासूमियत छीन लेगी,
गाँव में बैठकर,फिक्ररे दिल्ली में सर खपाओ नही,

बहुत मुश्किल से मैने ख़ुदको संभाल रखा हैं,
दौरे तन्हाई में नादानी से मेरे पास आओ नही,

मैं जनता हूँ जो तुम्हारे दिल में,मेरी सांसो में हैं,
मुझे अब और दुनियादारी का सबक सिखाओ नही,

उसने बादलों की ओट में एक सूरज छुपा के रखा हैं,
इत्मीनान रखो इतनी जल्दी घबराओ नही,

Tuesday, 24 March 2020

मन मंदिर में स्थापित,साधना का शिवाला हो.....







एहसास की पूजा जज्बात की माला हो,
मन मंदिर में स्थापित,साधना का शिवाला हो,..


प्रेम लगन में पागल मैं बेसुध गोपी सी,
तुम निष्ठर चंचल नटखट नंदलाला हो,

सर्द गहरी रातो का तन्हा मुसाफ़िर सा,
अलाव तपते हाथो का तुम सहारा हो,

राह मेरी काली,जीवन घनघोर अंधेरा हैं,
सीने मैं छुपा रखा एक अतीत का तारा हो,

ये जो बातों में नरमी हैं लहज़े मे नज़ाकत हैं,
आँखों से सब जाहिर,मुँह में कितना ताला हो,

डोर रिश्ते की मुझसे ही बस जिंदा हैं,
रोक नही पाऊँ और तुम कब पलटने वाला हो,

मेरे हर दिन में रोशन,रात को टिमटिमाते हो,
साथ सदा चलते,साँसो की ऐसी  ज्वाला हो,