Monday, 13 April 2020

मेरे दिल में एक ख़ुशनुमा एहसास हो...







तुम दूर हो या पास हो
मेरे दिल में एक ख़ुशनुमा एहसास हो...
सवाल हो ख़्याल हो,
मेरी खामोशी हो मेरा राज हो,
मैं तुम्हारा गीत हूँ तुम मेरी आवाज हो,
हर सुबह का रंग हो,
मेरी सब शाम की उमंग हो
हर वक़्त तुम मेरे संग हो
मेरे दुःख में,मेरे दर्द में,
ज़िन्दगी की हर गर्त मैं 
हौसला हो विश्वास हो
तुम दूर हो या पास हो
मेरे दिल में एक ख़ुशनुमा एहसास हो...

दिल जब कभी उदास हो,
कोई दूसरा ना मेरे पास हो,
दुनिया मेरे जब ख़िलाफ़ हो,
तुम तब भी मेरे साथ हो,
कमज़ोरी को ताक़त बनाते हो,
आँसुओ में मुस्कुराते हो,
मुझमे ही दुनिया बसाते हो,
मेरे सिर्फ मेरे हो जाते हो
तुम्हारे नाम से ही हर शुरुवात हो,
इतने तुम हमारे लिए ख़ास हो
तुम दूर हो या पास हो
मेरे दिल में एक ख़ुशनुमा एहसास हो...



14 comments:

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  2. सुन्दर प्रस्तुति

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  3. प्रेम के रंग में रंगी लाजवाब रचना ...
    यही तो जीवन है ...

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  4. जी नमस्ते,
    आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा शनिवार(०९-०५-२०२०) को 'बेटे का दर्द' (चर्चा अंक-३६९६) पर भी होगी
    चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का
    महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
    जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
    आप भी सादर आमंत्रित है
    **
    अनीता सैनी

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  5. बहुत खूबसूरत रचना।
    मेरे ब्लॉग पर आपका स्वागत है।

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  6. प्रेमरस में डूबी लाज़बाब सृजन ,सादर नमस्कार सर

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  7. हर सुबह का रंग हो,
    मेरी सब शाम की उमंग हो

    सुन्दर रचना।

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  8. हम अपने हाथ में आई बाज़ी हार गए..
    क़सूर हमारा नहीं उनकी आँखो का था...
    - akshita sharma

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