Monday 19 May 2014

दर्द कभी यु भी हुआ की राहत बन गया,

दर्द कभी यु भी हुआ की राहत बन गया,
सैय्याद ही बुलबुल की चाहत बन गया.

हमने सर भी कटवाए तो कुछ खास नही,
बस दो आंसू तुम्हारे सहादत बन गया.
पहली ही बार के तजुर्बे से एहसास हुआ,
आज के दौर में ताल्लुख तिजारत बन गया
उससे बिछड़ने का असर यु भी हुआ
उसीका ख्याल ही हर आहट बन गया.
वल्लाह जमाल दे जफ़र वफादारी मे,
पहले जो शौक था वो इबादत बन गया.......

No comments:

Post a Comment