Wednesday 21 May 2014

ये घुटन जो दिल में बैठी है

ये घुटन जो दिल में बैठी है
क्या बताऊ तुमको कैसी है.
दुनियादारी सब खारी सी लगती है
आती जाती साँसे भारी सी लगती है
बात तेरी हो फफक पड़ता हू
वो यादे सारी एक कटारी सी लगती है
कभी भूल से हँस भी लू जरा
दिन भर आंखे भारी सी लगती है
यु राहों मे जिसके हम सदिया बैठे
हर लम्हा वो सजोये संभाले सैधे
ख्याल उन्हें तक कभी न आता
हम आज भी सोचते वो कैसी है
ये घुटन जो दिल में बैठी है
क्या बताऊ तुमको कैसी है........!!!

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