सारे शिक़वे झट से मिटा के देख ले,
तू एक बार गले लगा के देख ले...
तू एक बार गले लगा के देख ले...
कितने बंदर हमने संसद पिछले सालों में भेजे हैं
एक बार सदन में डमरू बजा के देख ले,
एक बार सदन में डमरू बजा के देख ले,
तेरे कदमो में तमाम उम्र की गुलामी रख दी हैं
जरा मुझे घूंघट उठा के देख ले,
जरा मुझे घूंघट उठा के देख ले,
सूरज अभी भी आसमा में रोशन हैं
मायूश नाहो बादल हटा के देख ले,
मायूश नाहो बादल हटा के देख ले,
एक बरसात में ये मेढ़क दुबक जायेगे
ये जज़्बात दिल में दबा के देख ले,
ये जज़्बात दिल में दबा के देख ले,
तेरे दिल में कितने अरमान पोशीदा हैं
फुरसत में मुझसे नज़रे मिला के देख ले,
फुरसत में मुझसे नज़रे मिला के देख ले,
ये झूठ के अंधेरे हैं जो tv अख़बार में छाए हैं
रोशनी का एक चिराग उठा के देख ले,
रोशनी का एक चिराग उठा के देख ले,
मुमकिन नही जो हम चाहे वही जहान हमारा हो
मुझे बस दिल में ही कही छुपा के देख ले,
मुझे बस दिल में ही कही छुपा के देख ले,
तेरे मेरे बीच दूरियां तो हैं फासले कुछ भी नही
कभी तन्हाई में आवाज़ लगा के देख ले,
कभी तन्हाई में आवाज़ लगा के देख ले,
मैं भगत' हू तिलक' हूँ यू मर नही सकता
तू लाख बार मुझे सूली पे चढ़ा के देख ले,
तू लाख बार मुझे सूली पे चढ़ा के देख ले,
तेरे गली का आवारा लड़का आज भी वही बैठा हैं
खिड़की खोल पर्दे हटा के देख ले,
खिड़की खोल पर्दे हटा के देख ले,
यही आवाम इंतेखाब में इंकलाब लिखेगी
फ़िकर नही हैं हज़ार बंदिशे सौ ताले लगा के देख ले....,!!
फ़िकर नही हैं हज़ार बंदिशे सौ ताले लगा के देख ले....,!!
इंतेखाब=चुनाव
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