Thursday 20 September 2018

तृष्णा का उपचार क्या हैं...?








कौन सी पिपासा है कौन धुन सवार है,
मनुष्य को ये किसकी तलाश हैं
धन की धुरी पर चलता जीवन,
मृत तृष्णा  सा छलता जीवन
लक्ष्य कोई नही बस एक दौड़ जारी हैं
सब सिर एक बोझ भारी हैं
परस्पर संबंधो की किसको चिंता
ट्विटर व्हाट्सएप्प से ही जिंदा
इस भौतिकता का आधार क्या हैं?
वासना और तृष्णा का उपचार क्या हैं..?

चक्की के पाटो संग पिसते,
उसूल आदर्श कहाँ अब टिकते,
स्वमं स्वार्थ के साधन सब है,
एक उल्लू  से वाहन सब हैं
जो करे सब वही हैं करना,
सीमाओं से क्या अब झगड़ना,
सोचता हूँ अकसर
इस बाधाओँ के पार क्या हैं?
वासना और तृष्णा का उपचार क्या हैं..?

पा लू सब तो क्या करूँगा,
क्या मैं तृप्ति पा सकूँगा?
गीता कुरान में क्या कहा था,
मानव मात्र का उद्देश्य यही था?
फिर मंदिरो में भीड़ क्यो हैं,
रोज़ी और नमाज़ी ही मीर क्यो हैं
धन ही जो सब दिलाता,
योग ध्यान कोई क्यो लगाता
सच जो सब ये जानते हैं,
सार ये संज्ञानते हैं,
फिर त्याग तपस्या तलवार क्यो हैं
आसान रस्ते समझ से पार क्यो हैं
इस ज्वार का उतार क्या हैं
वासना और तृष्णा का उपचार क्या हैं..?

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